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मघा नक्षत्र

Sep 15, 2023 by Hridaya Nand Raao, Astroverse Astrological studies training and Research Organisation (Empowering the Generation)

Hridaya Nand Raao,  Astroverse


मघा नक्षत्र अर्थ :-– महान, बडा। 


मघा नक्षत्र  (पौराणिक मान्यता)

मघा नक्षत्र के देवता पितृ है। पितृ हमारे पूर्वजो की दिव्य आत्मा होती है। वायु पुराण, ब्रह्म पुराण, मस्य पुराण, पद्म पुराण मे देव मानव एवं पितरो का वर्णन है। कुछ पितृ स्वर्ग और कुछ पाताल निवासी होते है। मानव पितृ जिनमे देवत्व  प्राप्त होता है, वे स्वर्ग के अधिकारी होते है 


देवपितृ सात प्रकार के तीन अमूर्त और चार समूर्त होते है। ये वैराज, अग्निश्वत्ता, बर्हिशादा (तीन अमूर्त) और सोमप, हविश्माना, अजयपा, सुकालिन (चार समूर्त) है। इनकी सात मानस पुत्रिया है, इनमें नर्मदा नदी सोमप की पुत्री है, इसे कुंवारी माना जाता है। 


विशेषताएँ

मघा जातक परम्परावादी, वंशवादी होते है। जातक पूर्वजो और पालको से मार्गदर्शन प्राप्त करने वाला, शास्त्र प्रणाली का अनुसरण करने वाला, समाज का नेता होता है।

यह 27 नक्षत्रों मे से 10 वां नक्षत्र है। राशिचक्र में 120.00 अंश से 133.20 अंश के मध्य स्थित है। यह एक रहस्यात्मक नक्षत्र है। इसके पांच तारे हैं। नवतारा चक्र में यह अश्विनी का अनुजन्म नक्षत्र है। त्रिकोण एवं तत्वों की दुसरी आवृत्ति पुनः यही से प्रारंभ होता है 

भचक्र में सिंह राशि के 0° से  13°:20' तक मघा की स्थिति होती है।


मघा नक्षत्र के अन्य अधिपति

 

देवता :- पितर (पूर्वज)

दशा स्वामी :- केतु

चिन्ह/प्रतीक :- सिंहासन

तत्व :- जल

गण :- राक्षस

गुण :- तामसिक

दिशा :- पश्चिम

रंग :- आइवरी, ऑफ व्हाइट, क्रीम

शरीर के अंग :- होंठ और ठुड्डी

जानवर :-  नर चूहा

चिड़िया :- गरुड़

पेड़ :-  वट वृक्ष